Special Ops 2 Review Hindi

हिम्मत सिंह और उनकी टीम ने एक बार फिर से समय को बांध दिया है। दमदार एक्शन की कहानी से स्पेशल ऑब्स 2 ने लिटरली महफिल को लूट लिया है। फिल्म मेकर नीरज पांडे लॉकडाउन के समय स्पेशल ऑब्स नाम की एक ऐसी सीरीज लेकर आए थे जिसने अपनी फास्ट फेसिंग स्टोरी टेलिंग से करोड़ों दर्शकों का दिल जीत लिया था। इसमें दिखाया गया था कि सस्पेंस और एक्शन उनकी फिल्मों की ही तरह शानदार होगा। मगर हिम्मत सिंह के किरदार में एक्टर के के मेरन इस सीरीज की सबसे बड़ी हाईलाइट बनकर सामने आए थे। जिन्होंने अपने तेज दिमाग और चालाकी के दम पर देश के सबसे बड़े आतंकवाद को अपनी टीम की मदद से निस्तनाबूद कर दिया था।
अब एक बार फिर से देश के सामने बड़ी मुसीबत आ पड़ी है। जिसका कि सामना करने के लिए हिम्मत सिंह दोबारा से अपनी टीम के साथ वापस आ गए हैं। स्पेशल ऑब्स के सीजन 2 इस बार एक नई चुनौती के साथ आया है। जिसे हिम्मत सिंह और उनकी टीम को वही पुराने रोमांच के साथ में पूरा करना है।
क्या पिछले सीजन की तरह इस सीजन में भी वही रोमांच कायम रहा है?
इसी बारे में हम लोग आज के इस Article में बात करने वाले हैं। देखिए देश इस बार साइबर अटैक का खतरा झेल रहा है। डॉक्टर पीयूष भार्गव मतलब कि आरिफ जकारिया जो कि एआई टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट हैं उन्हें किडनैप कर लिया गया है। उन्हें उनके साथी और रॉ में काम करने वाले विनोद शेखावत मतलब कि टोटा रॉय चौधरी की भी खात्मे की बात सामने निकल कर आई है। इन दोनों घटनाओं के पीछे कलेक्टर सुधीर मतलब कि ताहिर राज भसीन है। हिम्मत सिंह के के मेलन को किसी भी हाल में डॉक्टर भारव को सुरक्षित इंडिया वापस लाना है। जिसमें उसे काफी काबिल टीम के साथ चाहिए। हिम्मत के पास टाइम भी काफी कम है। क्योंकि अगर वह डॉक्टर भार्गव को कलेक्टर सुधीर की गिरफ्त से नहीं निकाल पाए तो इंडिया की इकॉनमी पर बड़ा साइबर अटैक हो सकता है। जिससे कि करोड़ों रुपए बल्कि अरबों रुपए का नुकसान हो सकता है।
हिम्मत का सामना इस बार एक ऐसे विलेन से हुआ है जिसका कि दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है। मैं यहां पर चाचा चौधरी की बात नहीं कर रहा हूं। लेकिन हां एक विलेन ऐसा है और उसके पास दुनिया के टॉप हैकर्स की टीम भी शामिल है। वहीं दूसरी तरफ हिम्मत की पर्सनल लाइफ पर भी इस बार थोड़े से खतरे के बादल छाए हुए हैं। अब क्या हिम्मत अपनी टीम के साथ मिलकर इस इंपॉसिबल दिखने वाले मिशन को टाइम पर पूरा कर पाएगा यह आपको सीरीज देखकर पता चलेगा।
बात करें एक्शन और रोमांच
हिम्मत सिंह इस बार सीरीज में कई सारे इंपॉसिबल दिखने वाले मिशनंस को पूरा करने में लगे हुए हैं। जिसमें शुरू से लेकर आखिर तक रोमांच बना रहेगा। स्पेशल ऑफ सीरीज की खासियत इसकी टाइट स्क्रीन प्ले और सस्पेंस है जो इस सीजन भी बरकरार है। मेकर्स स्पेशल ऑब्स 1.5 द हिम्मत स्टोरी स्पिन ऑफ सीरीज के करीब 4 सालों के बाद इसका नया सीजन जो है लेकर आए हैं जो कि उम्मीदों पर कहीं ना कहीं खराब ही उतर रहा है। इसके क्रिएटर्स नीरज पांडे और शिवम नायर ने इस बात का खास ख्याल रखा है कि वह इस सीजन को पहले के मुकाबले और बड़ा बनाएंगे। सीरीज अपनी कहानी बिल्ड अप करने में बिल्कुल भी टाइम बर्बाद नहीं करती।
पहले एपिसोड से ही यह आपको इसका मुद्दा समझा देती है। कई सारी टेक्निकल और डिप्लोमेटिक बातों को मेकर्स ने आसानी से आपको समझाने की यहां पर कोशिश करी है। जिससे कि हमको कहानी से जुड़े रहने में आसानी होती है। यह सीरीज आपके अंदर जबरदस्त देशभक्ति जगाने का काम कहीं से कहीं तक नहीं करती। यह शुरू से आखिर तक अपनी सस्पेंस भरी स्टोरी और हैरान कर देने वाले ट्विस्ट से आपको अपनी सीट से बांधे रखेगी। एक्शन डिपार्टमेंट में भी काम जबरदस्त हुआ है।
हालांकि इसका वीएफएक्स देखने में काफी सस्ता सा लगता है लेकिन उसे आप इग्नोर कर सकते हैं क्योंकि स्क्रीन प्ले काफी दमदार है। एक्टर्स के काम की बात करें तो स्पेशल ऑफ्स टू में हिम्मत सिंह यानी के के मेनन का जलवा शुरू से लेकर आखिर तक रहा। लेकिन इस बार उन्हें कलेक्टर बने ताहिर राज भसीन ने भी तगड़ा कंपटीशन दिया है। दोनों की तेज दिमाग वाली लड़ाई देखने में काफी मजेदार और दिलचस्प रही है। ताहिर ने एक सनकी विलेन का रोल प्ले किया है जिसे सिर्फ दूसरों की चीजें कलेक्ट करने से मतलब है। इसीलिए उसको कलेक्टर कहते हैं। फिर चाहे उसके लिए उसे किसी भी हद तक क्यों ना जानी पड़े। ताहिर के एक्शन सींस सीरीज में काफी कम है। लेकिन उसमें भी वह सामने वाले के ऊपर कहीं ना कहीं भारी पड़ते हैं।
पिछले कुछ सीरीज के मुकाबले देखा जाए तो ताहिर का विलेन वाला किरदार सबसे दमदार रहा है। वो अपने तेज दिमाग से निकली खुराफात से टेंशन का माहौल क्रिएट करने में कामयाब रहते हैं। मेकर्स ने उसे आखिर तक रोमांचक बनाए भी रखा है। वहीं हिम्मत सिंह के किरदार में केके मेरनन की एक्टिंग का कोई जवाब नहीं है। पिछली बार के मुकाबले उनके किरदार के पास इस बार काफी सारे इमोशंस थे जिसे उन्होंने स्क्रीन पर बखूबी प्ले किया है।
अगर बात करें सपोर्टिंग कास्ट की तो करण टेकर, विनय पाठक, गौतमी कपूर, परमीत सेठी, दिलीप जी हां, इसमें परमीत सेठी भी हैं। अर्चना पूरण सिंह के हस्बैंड दिलीप ताहिल,आरिफ जफारिया, मुजफ्फरिल इब्राहिम, सयामी खेर। सयामी खेर ने काफी अच्छा काम किया है इसमें। इसके अलावा प्रकाश राज भी हैं एंड विकास मानकतला भी हैं। इन सारे एक्टर्स का काम शानदार है। इन लोगों को जितना स्क्रीन्स टाइम मिला गया है, दिया गया है उसमें उन्होंने अपना काम बखूबी किया है।
अगर आप स्पेशल ऑफ सीरीज के फैन रहे हैं तो इसका नया सीजन आपको बिल्कुल भी डिसपॉइंट नहीं करेगा। सीरीज में एक दो जगह पर आपको थोड़ी गलतियां जरूर दिख सकती हैं। लेकिन अगर आप उनको नजरअंदाज कर दो तो ये सीरीज आप अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर एंजॉय कर सकते हो।